दिल दीवाना आज हो गया
दिल दीवाना आज हो गया
(चौपाई)
दिल दीवाना आज हो गया।
बहुत बड़ा जांबाज हो गया।
महक सूँघता यह चलता है।
जगह-जगह रुकता बढ़ता है।।
लापरवाहों सा चलता है।
आतुरता में ही रहता है।।
कस्तूरी को ही यह प्रति पल।
ढूँढ़ रहा यह बना चलाचल।।
गिरता उठता चलता फिरता।
पाँवों में छालों से घिरता।।
हार कभी भी नहीं मानता।
एक लक्ष्य को सिर्फ जानता।।
खोजी बनकर थिरक रहा है।
घूम-घूम कर मचल रहा है।।
अपने मन को खोज रहा है।
दिख दीवाना टहल रहा।।
यह आशा का पुंज बना है।
आत्म-काय का कुंज बना है।।
इसको केवल प्रेम चाहिये।
सारे जग का क्षेम चाहिये।।
Sachin dev
15-Dec-2022 05:35 PM
लाजवाब प्रस्तुति
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